Thursday, February 20, 2014

महापुरुषत्व खोजता एक बेचैन फ़कीर

महापुरुषत्व खोजता एक बेचैन फ़कीर


यह बहुत अधिक रहस्य नहीं है कि महापुरुषत्व क्या होता है देशकाल की परीक्षा में खरा उतरने पर स्वयँ इतिहास उन्हें यह विरुद सौंप देता है।

अपनी जिद के आधार पर यह महापुरुषत्व कभी नहीं छीना जा सकता है। न लालू यादव ऐसा कर पाए और न ही अरविन्द केजरीवाल इसमें सफल होते दिख रहे हैं। आज की विचार मीमाँसा में देखते हैं कि क्या कोई अन्य ऐसा कर सकेगा?

अन्ना हजारे रालेगण सिद्दी में महाराष्ट्र में धरने दिया करते थे। उनके शब्दों में वे आन्दोलन किया करते थे।

पिछले दिनों उन्होंने “साड्डा हक़ एत्थे रख” के अन्दाज़ में यह भी दिखाने की कोशिश की है कि यदि समाज उन्हें महापुरुषत्व नहीं देता है तो वे इसे बलपूर्वक ले लेने का दम भी रखते हैं।

आओ विवेचन करें।

अन्ना एक मध्यम स्तर की शिक्षा पाए हुए पूर्व सैनिक हैं। उनकी वीरता पर प्रश्न नहीं उठा रहे हैं परन्तु उनका ज्ञानमीमाँसक पक्ष हमेशा सबूतों का अभाव झेलता रहा। जब शरद पवार पर किसी दुस्साहसी लड़के ने हाथ उठाया तब श्री अन्ना ने पहला प्रश्न यही पूछा था कि क्या एक ही मारा?

उन्होंने जनता से कहा कि उन्होंने अरविन्द केजरीवाल जैसा जुझारू समाजसेवी दिया है लिहाजा उन्हें महात्मा गाँधी द्वितीय माना जाए और केजरीवाल से कहा कि उन्होंने केजरी को समाज में स्थापित किया है अतः उन्हें चाणक्य द्वितीय माना जाए।

उधर केजरीवाल के पराक्रम और हस्तलाघव से अन्ना घायल से हो गए। उन्हें नेपथ्य में जाना अखरने लगा। तब उन्होंने रालेगण सिद्दी द्वितीय शुरू किया। राहुल गाँधी की प्रशँसा की और केजरीवाल के एक सरदार गोपाल राय को डाँट लगाई। कुछ दिन अखबार में छपे। लेकिन पर्याप्त नहीं छपे।

फिर दिल्ली आए। कहा कि केजरी सरकार को गिरवाकर भाजपा – काँग्रेस ने अपने पाँव में कुल्हाड़ी मारी है। अब तो केजरी के पचास विधायक दिल्ली में आएँगे। मगर केजरी उन दिनों बहुत व्यस्त थे और अन्ना को कोई प्रतिदान नहीं दे पाये।

लिहाजा अन्ना एक आखिरी जंग के लिए हावड़ा के किनारे पहुँच गये। ममता बैनर्जी के सिर पर हाथ रखने के लिए। वहाँ जाकर हाथ रखा भी। ममता को दिल्ली आने के लिए न्यौता भी दिया। माना जा रहा है कि ममता दिल्ली आएँगी और केजरी को सबक सिखाएँगीं। उस केजरी की यह मजाल कि मुझे – अपने गुरू को अनदेखा करे।

जनता हतप्रभ है। यह क्या हो रहा है? केजरीवाल, राहुल, पुनः केजरी और अब ममता – आखिर अन्ना किसे तलाश कर रहे हैं। वे इतने बेचैन क्यों हैं? वे क्या सिद्ध करना चाह रहे हैं? वे क्या पाना चाह रहे हैं? क्या वे इस भटकाव में अपने लिए एक वह महापुरुषत्व तलाश रहे हैं जिसे पाने में वे ऑलरेडी लेट हो चुके हैं? कस्तूरी मृग की तरह फिरते अन्ना को देखकर कुछ सुजान लोग पूछ रहे हैं कि महापुरुषत्व हथियाने का यह क्या उचित तरीका है? और अगर इस तरह से महापुरुषत्व यदि हथिया लिया भी जाता है तो बिना पात्रता के वह आखिर टिकेगा कितने दिन?

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Tuesday, February 18, 2014

Child Protection Laws

What is in POCSO Act 2012


The Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act 2012 is applicable to the whole of India. The POCSO Act 2012 defines a child as any person below the age of 18 years and provides protection to all children under the age of 18 years from sexual abuse.
This act suggests that any person, who has an apprehension that an offence is likely to be committed or has knowledge that an offence has been committed, has a mandatory obligation to report the matter i.e. media personnel, staff of hotel/ lodges, hospitals, clubs, studios, or photographic facilities.
Failure to report attracts punishment with imprisonment of up to six months or fine or both. It is now mandatory for police to register an FIR in all cases of child abuse. A child's statement can be recorded even at the child's residence or a place of his choice and should be preferably done by a female police officer not below the rank of sub-inspector.
The rules laid down in this act also had defined a criteria of awarding the compensations by the special court that includes loss of educational and employment opportunities along with disability, disease or pregnancy as the consequence of the abuse. This compensation would be awarded at the interim stage as well as after the trial ends.
Some of the child-friendly procedures which are envisaged under the POCSO Act are as follows:-

  • At night no child to be detained in the police station
  • The statement of the child to be recorded as spoken by the child
  • Frequent breaks for the child during trial
  • Child not to be called repeatedly to testify
The POCSO Act of 2012 looks into a support system for children through a friendly atmosphere in the criminal justice system with the existing machinery ie the CWC and the commission. The positive aspect is the appointment of the support person for the child who would assist during investigation, pretrial, trial and post trial.
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Sunday, February 2, 2014

AAP क्राँति – पराकाष्ठा से पराभव तक

AAP क्राँति – पराकाष्ठा से पराभव तक


  • ·         इस दुनिया में एक पूजक सँस्कृति है। वह पूजती है। पूजने का उसका अपना इतिहास है।
  • ·         उस सँस्कृति ने सब कुछ पूजा – उसने चूहा पूजा, शेर पूजा, बैल पूजा, गाय को पूजा, भैंसे को पूजा, वृक्ष को पूजा, दिशाओं को पूजा, हवा को पूजा, जल को पूजा, और अग्नि को पूजा।
  • ·         अब सबसे अँत में उसने दिव्य, हुतात्मा, वँदनीय, स्मरणीय, पापों का नाश करने वाले, दुखों को दूर करने वाले, ऋद्धि – सिद्धी के दाता, विद्याओं के जनक, तर्क आदि शास्त्रों के ज्ञाता अविनाशी देव केजरीवाल को पूजा।
  • ·         यह सँस्कृति जो भारत भूमि पर पाई जाती है गाँधी नाम के एक महात्मा को पूजती रही है और इसका लाभ कुछ दल लेते रहे हैं – इतिहास में ऐसे दलों को काँग्रेस नाम की संज्ञा से जाना गया है।
  • ·         यही सँस्कृति राम नामके एक अवतार को पूजती है और इसका लाभ कुछ अन्य दल लेते रहे हैं – इतिहास में ऐसे दलों को भाजपा नामक संज्ञा से जाना गया है।
  • ·         यह देख कर कुछ लोगों ने निश्चय किया कि चलो अब कुछ तूफानी हो जाए। उनके बीच में से उठ कर एक उत्तम पुरुष ने कहा कि इस बार वह पूज्य बनेगा।
  • ·         उसने कहा कि उसमें अनेक गुण हैं – वह अन्य सबसे उत्तम है, वह सबसे बेहतर विचारक है, सबसे बेहतर चिंतक है। उसने कहा कि अन्य सब प्रतीकों को भूल जाओ, वे पुराने पड़ गये हैं। पुराने प्रतीकों में जंग लग चुका है।
  • ·         उसने कहा कि वह अवतारों की लिस्ट में लेटेस्ट है। उसने अनके चारण रख छोड़े जो उसका निरन्तर कीर्तन किये जा रहे थे। ये चारण कभी ना थकते थे। इनसे कुछ भी पूछो ये केजरी-रासौ गाना शुरू कर देते थे।
  • ·         इस चारण मँडली ने बहुत गाना गाया। इन्होंने गा गाकर बताया कि सभी समस्याओं का हल प्रभू केजरी की लीलाओं में छिपा है। जल सम्बन्धी समस्या हो तो वह प्रभू केजरी की वँशी से ही ठीक होगी। विद्युत सम्वन्धी समस्या हो तो वह भगवान केजरी के आशीर्वाद से दूर होगी। उन चारणों ने गा गाकर बताया कि इसके अलावा महँगाई, भ्रष्टाचारण, घूसखोरी और पुलिस-प्रतारणा जैसी जितनी भी अन्य प्रेत-बाधाएँ हैं वे सब भी केजरी-भभूत लगाने से ही दूर होंगी।
  • ·         उस पूजक सँस्कृति को लगा कि किसी नये अवतार के अवतरित होने की वेला आ गई है।
  • ·         4 नवम्बर 2013 को इस नये अवतार ने इस मृत्यु लोक में अवतरित होने की ठानी। रेडियो और दूरदर्शन आदि पर घोषणाएँ की गईं कि अवतार ने जन्म ले लिया है।
  • ·         समस्त भू-लोक में मँगल-गान बजने लगे। शँख-ध्वनि से दिशाएँ गुँजायमान हो गईं। पूरी की पूरी सँस्कृति नृत्य से झूमने लगी। चारों दिशाओं में शुभ लक्षण दिख रहे थे।
  • ·         कुछ दिन तक तो ठीक चला। पर तभी लोगों ने देखा कि इस चमत्कारी बालक ने जो चक्र थाम रखा है वह दिव्य नहीं बल्कि चाईना शॉप से खरीदा हुआ पैंतीस रूपये वाला आइटम है। किसी ने खबर लीक कर दी कि ना केवल इसका चक्र बल्कि इसका शँख, इसकी मुरली, मोर मुकुट और यहाँ तक कि इसके मेक-अप की किट भी लाल किले के पीछे वाले चोर मार्केट से खरीद कर लाए गये हैं।
  • ·         यह भी अफवाह फैला दी गई कि जो चारण गण इस नये अवतार की वँदना गा रहे थे वे भी एक कॉन्ट्रैक्टर के पास से मँगवाए गए बाउन्सर्स हैं।
  • ·         इसके बाद पूजक सँस्कृति के सामने बड़े सवाल खड़े हो गये हैं।
  • ·         सबसे बड़ा सवाल यह है कि अब इस खण्डित देव-प्रतिमा का क्या करे? इसे कहाँ जल प्रवाहित करे?
  • ·         अँत में यही निर्णय लिया गया कि इस चाइनीज़ गुणों वाली क्राँति के कबाड़ को यदि चाईना वापिस नहीं लेता है तो इसकी पूँछ में रॉकेट बाँध कर होली के बाद इसे  चाँदीपुर से दाग दिया जाए। उसके बाद ये जिसके भी आँगन में पड़े ये उसकी मुसीबत। हमारे सिर से तो बला टल ही जाएगी।

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